क्या कभी आपने भगवान को हड़ताल पर जाते देखा है.....मेरा दावा है कि आपमें से निन्यानवे फीसदी लोग कहेंगे नहीं....लेकिन जनाब लगता है आप जानबूझकर नजरअंदाज कर रहे हैं....भगवान भी हड़ताल पर जा सकते हैं....और जाते भी हैं....याद कीजिए....कुछ याद आया नहीं न.....एक बार फिर याद कीजिए....अब भी याद नहीं आया......चलिए मैं ही बता देता हूं .....भगवान कब कब हड़ताल पर गए...या जाते हैं....जबसे हमने होश संभाला.....हम...से का मतलब हम सभी से है.....यही सुनता आया हूं कि धरती पर डॉक्टर्स भगवान का रुप होते हैं....यानी आसमान के भगवान की तरह धरती के भगवान हैं डॉक्टर्स...अब तो आप समझ गए होंगे....बिल्कुल सही.....आजकल यूपी के कई बड़े शहरों के जूनियर भगवान हड़ताल पर हैं....जूनियर भगवान मतलब...जूनियर डॉक्टर्स.....अब भगवान ही हड़ताल पर हों तो लोग मरेंगे ही.....उन्हीं के आसरे पर तो पूरी दुनिया है....दुनिया मतलब धरती.....तो कानपुर में वही चौदह पंद्रह ने दम तोड़ा...तो इलाहाबाद में एक दो लोगों की सासें बंद हो गईं.....लेकिन इससे भगवान को कोई लेना देना नहीं.....क्योंकि ये भगवान खाते पीते ...बोलते चालते भगवान हैं....इन्हें चाहिए.....नॉन प्रैक्टिसिंग एलाऊंस...अब ये मत पूछिए कि भगवान को कैसा भत्ता.....क्योंकि ये भगवान धरती के हैं.....और इन्हें खाने पीने रहने के लिए पैसे की जरुरत भी होती है.....

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सबकी मजबूरी है प्रभु
ईश्वर सबका भला करे
सभी को सद्बुद्धि दे