परीक्षा में
फेल होने पर
बच्चे
कर लेते हैं आत्महत्या


कर्ज अदा करने में
सक्षम नहीं होने पर
किसान
झूल जाता है फांसी पर
नौकरी छूट जाने पर
कूद जाता है
पाचवीं मंजिल से
कोई
पर
कोई नेता
आज तक
कभी नहीं मरा
भले
हार जाए
लोकसभा का चुनाव
विधानसभा का भी
पार्षद का भी
पंचायत का भी
उसे शर्म
नहीं आती
क्योंकि नेतागिरी
बेशर्मी की हद है
जनता को
बेवकूफ
नहीं बना पाया
बस
सोचकर
चुपचाप रह जाता है
चलो
अगली बार देखेंगे
कैसे बचेगा बच्चु

1 टिप्पणियाँ:

bahut khoob !
badhaai !