भोपाल गैस कांड पर फैसला आने के बाद तत्कालीन कलक्टर और एसपी को सच बोलना महंगा पड़ सकता है....क्योंकि ये देश तो है नेताओं का....खबर ये है कि वारेन एंडरसन को भगाने के आरोप में दोनों अधिकारियों पर मामला दर्ज करने के लिए याचिका दर्ज की गई है...जिसकी सुनवाई दो जुलाई को होगी....एक बार फिर ये साफ हो गया कि इन सबके पीछे हो रही है सिर्फ और सिर्फ राजनीति....किसी ने तत्कालीन सरकारों और उन सरकारों के तत्कालीन तथाकथित मुखिया के खिलाफ याचिका दर्ज कराने की हिम्मत नहीं दिखाई....जाहिर है याचिका दर्ज कराने वाले लोगों में वो लोग शामिल हो सकते हैं ...जिन पर आरोपों की बौछार हो रही है......वैसे भी एक –दो अपवादों को छोड़ दें तो आजतक किसी आरोपी राजनीतिज्ञ पर आरोप तय ही नहीं होता....और जब आरोप ही तय नहीं होगा...तो सजा तो मिलने से रही......ये अलग बात है कि इसकी एक सबसे बड़ी वजह इन तथाकथित राजनीतिज्ञों का मौखिक आदेश होता है ...जिससे वो जब चाहें....जहां चाहें मुकर सकते हैं.......और उपर से नीचे...यानी निम्न से उच्च और यहां तक कि उच्चतर न्यायपालिका भी राजनीति के गहरे गिरफ्त में है....आजाद होने का महज ढोंग किया जाता है......जनता को ...व्यवस्था को बेवकूफ बनाने के लिए......बात अर्जुन सिंह की हो......या फिर तत्कालीन केंद्र सरकार के मुखिया की...सभी अमेरिका परस्त थे....आज भी हैं.....और ऐसे में आज भी वो वारेन एंडरसन के प्रत्यर्पण पर कोई गंभीर कदम उठायेंगे.....ऐसा सोचना भी मूर्खता होगी.....आज की सरकार को एंडरसन को सजा दिलाने की न तो मंशा है.....और न ही उसने इस बारे में खुलकर कुछ कहने की जहमत उठाई है.......और जिन्होंने सच कहने की हिम्मत दिखाई उनके खिलाफ याचिका दर्ज कर उन्हें चुप कराने की साजिश जरुर रची जा रही है......ये है राजनीति की सच या यूं कहें तो सच में राजनीति........
Mohalla Live
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Mohalla Live
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गाली-मुक्त सिनेमा में आ पाएगा पूरा समाज?
Posted: 24 Jan 2015 12:35 AM PST
सिनेमा समाज की कहानी कहता है और...
9 वर्ष पहले
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