कल को क्योंकर याद रखें
आज ही तो जिंदगी है
लोग कहते तो हैं लेकिन
पर भला वो कैसे भूलें
जिसने अपनों को है खोया
वक्त ने जिनको डूबोया
जिसके लिए आंसू बहाए
खूब रोया, खूब रोया
पर उन्हें क्या
वो क्या समझें
दर्द , आंसू और कसक की
जिनके आंसू थे दिखावा
है दिखावे पर यकीं जिन्हें
पर दिए हैं जख्म जिनको
वक्त ने गहरे बहुत ही
वक्त तो काफी लगेगा
जख्म भर जाऐंगे शायद
पर कसक तो जिंदगी भर
उनको देगी टीस दिल में
आज मेरा
कल भी मेरा
आने वाला दिन भी मेरा
कोई चुनता आज को है
कोई बीते दिन को चुनता
वक्त तो पर वक्त ही है
जिसके आगे सब झुकाते
सर हैं अपना
Mohalla Live
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Mohalla Live
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जाहिलों पर क्या कलम खराब करना!
Posted: 07 Jan 2016 03:37 AM PST
➧ *नदीम एस अख्तर*
मित्रगण कह रहे हैं कि...
8 वर्ष पहले
1 टिप्पणियाँ:
क्षितिज जी बेहतरीन.. कम अल्फाज़ों में बहुत गहरी बात कह दी आपने... समझदार के लिए इशारा ही काफी है...
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