लोग कुछ भी कहें
पर इतना यकीं है मुझको
जो भी होता है
बेहतरी के लिए होता है
शुरू में भले ही लगे
बुरा हो रहा है बहुत
लेकिन
सच तो ये भी है
कल किसने देखा है
कल में होती है
ढेरों संभावनाएं
कुछ लोगों को
नजर आती हैं मगर
सिर्फ आशंकाएं
बदलाव
विकास को भी तो कहते हैं
कल के गर्भ में
आज पनपता है
बढ़ता है
और
आने वाले कल से है़
मुझे काफी उम्मीदें
Mohalla Live
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Mohalla Live
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जाहिलों पर क्या कलम खराब करना!
Posted: 07 Jan 2016 03:37 AM PST
➧ *नदीम एस अख्तर*
मित्रगण कह रहे हैं कि...
8 वर्ष पहले
1 टिप्पणियाँ:
वाह जी वाह !
उम्मीद की कविता.........
भरोसे की कविता .........
और आपने दी है विचार की कविता !
___बधाई !
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