लोग कुछ भी कहें
पर इतना यकीं है मुझको
जो भी होता है
बेहतरी के लिए होता है
शुरू में भले ही लगे
बुरा हो रहा है बहुत
लेकिन
सच तो ये भी है
कल किसने देखा है
कल में होती है
ढेरों संभावनाएं
कुछ लोगों को
नजर आती हैं मगर
सिर्फ आशंकाएं
बदलाव
विकास को भी तो कहते हैं
कल के गर्भ में
आज पनपता है
बढ़ता है
और
आने वाले कल से है़
मुझे काफी उम्मीदें
Mohalla Live
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Mohalla Live
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गाली-मुक्त सिनेमा में आ पाएगा पूरा समाज?
Posted: 24 Jan 2015 12:35 AM PST
सिनेमा समाज की कहानी कहता है और...
10 वर्ष पहले
1 टिप्पणियाँ:
वाह जी वाह !
उम्मीद की कविता.........
भरोसे की कविता .........
और आपने दी है विचार की कविता !
___बधाई !
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