कभी मुश्किल...कभी आसान लगती है
ये जिंदगी, कड़ा इम्तहान लगती है

कभी तो बेरुख़ी ऐसी कि मत पूछिए
कभी तो ग़जब की मेहरबान लगती है

हमारी हसरतों की फेहरिस्त लंबी है जरा
तभी हर लम्हा, यूं हलकान लगती है

खुशियां..मुस्कुराकर गुजर जाती है अक्सर
कभी बेपरवाह, कभी बेजुबान लगती है

-क्षितिज

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