उसके चेहरे पे कई चेहरे थे
एक चेहरे पे मुस्कुराहट थी
एक चेहरे पे जरा गुस्सा था
एक चेहरे पे खिलखिलाहट थी
एक चेहरे पे थी खामोशी सी
एक चेहरे पे थी दरिंदगी
एक चेहरा जरा उतरा सा था
एक चेहरे पे उड़ रही थी
हवाइयां जैसे
एक चेहरे पे थे सवाल कई
एक चेहरा निरुत्तर सा था
एक चेहरा तो तमतमाया था
एक पे तो किसी का साया था
एक चेहरा हसीन सा भी था
एक चेहरे पे बौखलाहट थी
एक पे ताजी हल्की आहट थी
एक पे इंतजार था लंबा
एक चेहरा तो निर्विकार सा था
एक चेहरे पे थी
बरसात कई भावों की
एक चेहरे पे अनगिनत चेहरे
ये कोई शख्स नहीं था भाई
अपने चेहरे को जरा देखो तो
रखके अपने सामने शीशा
गौर से देखो दिखेंगे चेहरे
सभी चेहरे हैं आपके चेहरे
Mohalla Live
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Mohalla Live
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जाहिलों पर क्या कलम खराब करना!
Posted: 07 Jan 2016 03:37 AM PST
➧ *नदीम एस अख्तर*
मित्रगण कह रहे हैं कि...
8 वर्ष पहले
3 टिप्पणियाँ:
खूबसूरत भावाभिव्यक्ति।
cheharaa ye khoob hai !
दिल को देखो, चेहरा न देखो चेहरे ने लाखों को लूटा, दिल सच्चा और चेहरा झूठा। पर अब तो दिल भी और भावनाएं भी नकली हो गईं हैं। आपने खूब लिखा है
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