आज फिर बारिश का आसार नजर आता हैं
हर तरफ हरा भरा संसार नजर आता है
बादल आसमां पे...हवा में ठंढक कहां से आई है
कहीं जरुर बरसी है फुहार,नजर आता है
शाम में घर से निकलो तो जरा बचके तुम
जमके बरसेंगे बादल, इसबार, नजर आता है
तन की परवाह न कर, न फिर ही मन की करना
क्योंकि ऐसा तो हर बार नजर आता है
बात मौसम की करें,किससे करें,कैसे करें
सबकी आंखों में इंतजार नजर आता है
आज फिर बारिश का आसार नजर आता हैं
Mohalla Live
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Mohalla Live
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जाहिलों पर क्या कलम खराब करना!
Posted: 07 Jan 2016 03:37 AM PST
➧ *नदीम एस अख्तर*
मित्रगण कह रहे हैं कि...
8 वर्ष पहले
2 टिप्पणियाँ:
हर बार ऐसा ही तूफां आता है
कमबख्त बादलों को उड़ा दे जाता है,
उम्मीद होती थी तूफां से कि लाएगा संग पानी
लेकिन कमबख्त दगा दे जाता है...
माशा-अल्लाह...क्या खूब लिखा है आपने... सच कहूं तो... सर! 'बसेरा' के जरिए आपका संवेदनशील व्यक्तित्व सामने आता है।
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