ख़बर है कि लोकसभा चुनाव में पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार वरुण गाँधी के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून लगाने को अवैध ठहराया गया है...
और इसे अवैध ठहराया है उत्तर प्रदेश के ही सलाहकार बोर्ड ने ..जिसमें हाईकोर्ट के एक जज और दो रिटायर्ड जज होते हैं.... ये बोर्ड इस बारे में सलाह देता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून लगाने का फ़ैसला कितना सही है. ....बोर्ड ने वरुण गांधी के मामले में कहा है कि एनएसए काफी कठोर क़ानून है....और इस मामले में इसे लागू करने का पर्याप्त आधार नहीं है. .....ये सिफारिश मायावती सरकार को एक तमाचा है....और सिर्फ माया सरकार को ही नहीं हर उस शख्स को जो किसी कानून को ....राजनीतिक स्वार्थ के लिए उपयोग करता है..मैं ये नहीं कह रहा कि वरुण गांधी ने जो भी कहा वो सही था....लेकिन अगर वरुण गांधी पर एनएसए लगाया जा सकता है तो इसके दायरे में हर वो राजनीतिज्ञ आना चाहिए...जो समाज को तोड़ने का संदेश देता है...देश को तोड़ने की बात कहता है...और ऐसी कोई भी बात कहता है...या कहने की जुर्रत करता है....जिससे समाज...देश..को नुकसान होने की आशंका होती हो...एनएसए एक बानगी है.....देश में कानून.....कानून को पालन करने वाली संस्थाएं राजनीति के गुलाम बने हुए हैं.....चाकरी करते हैं....बंधुआ मज़दूर की तरह....ये अलग बात है कि जागरुकता...चेतना के अभाव में आम आदमी मूक दर्शक बना रहता है....सोचता है.....कुछ कहें पर कुछ कहता नहीं.......
क्या वरुण गांधी....लालकृष्ण आडवाणी....कल्याण सिंह...उमा भारती......लालू प्रसाद...रामविलास पासवान.....साधु यादव .......नरेन्द्र मोदी.....कई तथाकथित मुस्लिम नेता.......धर्मगुरू तकरीबन सभी धर्मों के....और ये राज ठाकरे...बाल ठाकरे.....जबतब समाज को बांटने की बात कहते हैं.....इन पर एनएसए क्यों नहीं लगना चाहिए.....मुझे तो लगता है कि सभी नेताओं को पहले एनएसए में बंद कर दो....एडवाइजरी समिति को भंग कर दो....कोई ये न कह सके...कि फैसला अवैध है......तुर्रा ये कि कोई इस लायक भी न बचे कि वो ये कह सके कि हम इसे अवैध नहीं मानते....अब इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट में होगा.......क्या अब कानून का फैसला नेता करेंगे....वो भी नेताओं पर....माया तय करे कि वरुण पर एनएसए लगे कि न लगे....लालू तय करें कि नीतीश पर कौन सी धारा लगे न लगे..सोनिया तय करे कि क्वात्रोची को क्लीन चिट मिले कि न मिले....फिर तो भईया....राम ही राखे.....क्योंकि जनता तो तटस्थ होती जा रही है........
Mohalla Live
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Mohalla Live
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जाहिलों पर क्या कलम खराब करना!
Posted: 07 Jan 2016 03:37 AM PST
➧ *नदीम एस अख्तर*
मित्रगण कह रहे हैं कि...
8 वर्ष पहले
2 टिप्पणियाँ:
जनाब इस तरह के लेख लिखना बन्द कर दीजिए... नहीं तो आप पर भी एनएसए न लग जाए.....
लगने दो आदर्श ...इंतजार करूंगा
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