सूर्य की

पहली किरण की तरह

होती है

उम्मीद

मधुर

प्यारा सा

संगीत की तरह

होती है

उम्मीद

पतझड़ के बाद

पेड़ों पर आए

नए कोमल

पत्तों की तरह

होती है उम्मीद

फूल नहीं

कलियों की तरह

होती है उम्मीद

अंडे से बाहर

निकले चूजे की तरह

होती है उम्मीद

एक बेहद

नाजुक

डोर की तरह

होती है उम्मीद

4 टिप्पणियाँ:

बिल्कुल सही है कि उम्मीद नाजुक होती है ....बहुत ही खुबसूरत

बेहद मार्मिक हो गयी आपकी उम्मीद

उम्मीद है कि उम्मीदों पर खरा उतरेंगे वो...

अच्छा लिखा. उम्मीद है, ऐसे ही रचते रहेंगे.