फुर्सत के क्षणों में
जीता हूं बीते दिन
याद करता हूं
वो गुजरे पल
जो आज नहीं
बन चुके हैं कल
जिसमें नहीं था
वर्तमान सा कोलाहल
सबकुछ शांत था
न कोई चिंता थी
न फिक्र
सिर्फ वर्तमान की
बजती थी पायल
कभी किसी की
नहीं शिकायत
कभी किसी से
नहीं हुआ भय
जो चाहा
कर लिया
बस
साथ रहा मित्रदल
अच्छी बातों पर
हंसते थे
बुरा लगा तो
हो गए घायल
फुर्सत के क्षणों में
मैं करता हूं
याद गुजरे पल
Mohalla Live
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Mohalla Live
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जाहिलों पर क्या कलम खराब करना!
Posted: 07 Jan 2016 03:37 AM PST
➧ *नदीम एस अख्तर*
मित्रगण कह रहे हैं कि...
8 वर्ष पहले
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