कभी किसी की तुम परवाह मत करना
चोट लगे,दम निकले,पर आह मत करना
कभी किसी की तुम परवाह मत करना
अच्छा हो कितना भी, कुछ भी पर दोस्त मेरे
आम लोगों की तरह वाह वाह मत करना
कभी किसी की तुम परवाह मत करना
जीवन में खुशियां हो, गम हों..जो भी हो
आंसू बहाकर जीवन स्याह मत करना
कभी किसी की तुम परवाह मत करना
किसी बात पर भी अपनी नाराज़गी
भूलकर भी जाहिर सरेराह मत करना
कभी किसी की तुम परवाह मत करना
चोट लगे,दम निकले,पर आह मत करना
कभी किसी की तुम परवाह मत करना